Ayush
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मोतिहारी। अयोध्या में राम मंदिर बनाए जाने को लेकर जहां दो संप्रदायों के लोग कोर्ट में कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं, वहीं बिहार के पूर्वी चंपारण में विश्व के सबसे ऊंचे राम मंदिर के निर्माण के लिए एक बुजुर्ग मुस्लिम ने अपनी जमीन दान में दी है। इस मंदिर को लेकर मुस्लिम संप्रदाय के लोगों में भी उत्सुकता है। मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष ललन सिंह कहते हैं कि कल्याणपुर प्रखंड के कैथवलिया में बनने वाले राम मंदिर के लिए बुजुर्ग मुस्लिम जैनुल हक खां ने अपनी डेढ़ बीघा (करीब दो एकड़ जमीन दान कर दी है।
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दान की सारी प्रक्रिया बुधवार को केसरिया स्थित अवर निबंधक कार्यालय में पूरी की गई। बिहार राज्य धार्मिक न्यास परिषद के अध्यक्ष आचार्य किशोर कुणाल ने आज बताया कि कई मुस्लिम परिवार ऐसे हैं जो अपनी जमीन इस मंदिर के लिए देना चाहते हैं। उनके मुताबिक इस मंदिर के लिए करीब 115 एकड़ जमीन की आवश्यकता है। वह कहते हैं कि अभी यह कहना मुश्किल है कि और कितने परिवार मंदिर के लिए जमीन दान देंगे।
उन्होंने मंदिर के लिए जमीन देने वाले सभी लोगों के प्रति आभार जताते हुए कहा कि मंदिर निर्माण में समाज के हर वर्ग का सहयोग मिल रहा है। मंदिर निर्माण भी अतिशीघ्र प्रारंभ होगा। कुणाल कहते हैं कि मंदिर के गर्भगृह से लेकर इसकी प्रतिकृति 28 एकड़ के दायरे में होगी। मंदिर के चारों ओर विशाल आंगन होगा तथा यहां पर्यटकों और श्रद्धालुओं के आने के लिए हैलीपैड का निर्माण कराया जाएगा।
मंदिर की नींव अत्याधुनिक हैमर पाइलिंग सिस्टम से डाली जाएगी और निर्माण कार्य भूकंप के खतरे को ध्यान में रखकर होगा। पूरे मंदिर का निर्माण उत्तर प्रदेश के चुनार से मंगवाए गए लाल पत्थरों से होगा। इस विशालकाय और दर्शनीय मंदिर निर्माण में 30 लाख घनफुट गुलाबी पत्थर लगाया जाएगा। वह कहते हैं कि स्पेन के कारीगरों द्वारा मंदिर में देवी-देवताओं की मूर्ति बनाई जाएगी जबकि मीनाकारी और नक्काशी के लिए राजस्थान से कारीगर बुलाए जाएंगे।
मंदिर में आकर्षक गर्भगृह और गुंबद बनाने की योजना है। मंदिर के मंडप की ऊंचाई 270 फुट होगी। एक बड़े सिंहासननुमा चबूतरे पर 72 फुट के भगवान राम और सीता सहित सौ से अधिक देवी-देवताओं की प्रतिमाएं होंगी। मंदिर का निर्माण कार्य अगले पांच साल में पूरा होने की संभावना है। माना जा रहा है कि यह मंदिर देश के सभी मंदिरों से अलग और विशेष होगा। मान्यता है कि भगवान राम जब जनकपुर से सीता के साथ परिणय सूत्र में बंधन के बाद वापस लौट रहे थे तो चंपारण के पिपरा के नजदीक ही उनकी बारात रुकी थी।
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translation-
The temple is a curiosity in people in the Muslim community. Temple Building Committee Chairman Lalan Singh says Kalyanpur block Kathvlia Janul the right to an elderly Muslim Khan to become his temple and a half acres (nearly two acres) of land is donated.
The whole process is inferior saffron donation Registrar office was completed on Wednesday. Chairman of Bihar State Religious Trust Board Acharya Kishore Kunal said today that many Muslim families want to give their land to the temple. According to them, nearly 115 acres of land required for the temple. He says it is difficult to say just how many families will donate land for the temple.
He thanked all those who give the land for the temple stating that the temple has received support from all sections of the society. Temple construction will start soon. Kunal says that from the sanctum sanctorum of the temple to be within 28 acres of its replication. Would spacious courtyard around the temple devotees and tourists to come and helipad will be built.
Hammer piling system will cast the foundations of temples and art works will be taking the risk of earthquakes. The temple red stones will be sourced from Uttar Pradesh chunar. The huge and spectacular temple will be 30 million cubic feet pink stone. He says that in Spain by artisans Devi Temple - statuettes of gods shall be called the enamel and carving artisans of Rajasthan.
Plans to build attractive sanctuary and the temple dome. Temple pavilion will have a height of 270 feet. A large Sinhasnnuma on a platform 72 feet over a hundred, including Lord Rama and Sita Devi - has statues of gods. The construction of the temple is expected to be completed in the next five years. It is believed that this temple of all temples in the country would be different and special. it is believed that Lord Ram and Sita were returning after binding the knot near Pipra of Champaran had stopped their procession in Janakpur
दान की सारी प्रक्रिया बुधवार को केसरिया स्थित अवर निबंधक कार्यालय में पूरी की गई। बिहार राज्य धार्मिक न्यास परिषद के अध्यक्ष आचार्य किशोर कुणाल ने आज बताया कि कई मुस्लिम परिवार ऐसे हैं जो अपनी जमीन इस मंदिर के लिए देना चाहते हैं। उनके मुताबिक इस मंदिर के लिए करीब 115 एकड़ जमीन की आवश्यकता है। वह कहते हैं कि अभी यह कहना मुश्किल है कि और कितने परिवार मंदिर के लिए जमीन दान देंगे।
उन्होंने मंदिर के लिए जमीन देने वाले सभी लोगों के प्रति आभार जताते हुए कहा कि मंदिर निर्माण में समाज के हर वर्ग का सहयोग मिल रहा है। मंदिर निर्माण भी अतिशीघ्र प्रारंभ होगा। कुणाल कहते हैं कि मंदिर के गर्भगृह से लेकर इसकी प्रतिकृति 28 एकड़ के दायरे में होगी। मंदिर के चारों ओर विशाल आंगन होगा तथा यहां पर्यटकों और श्रद्धालुओं के आने के लिए हैलीपैड का निर्माण कराया जाएगा।
मंदिर की नींव अत्याधुनिक हैमर पाइलिंग सिस्टम से डाली जाएगी और निर्माण कार्य भूकंप के खतरे को ध्यान में रखकर होगा। पूरे मंदिर का निर्माण उत्तर प्रदेश के चुनार से मंगवाए गए लाल पत्थरों से होगा। इस विशालकाय और दर्शनीय मंदिर निर्माण में 30 लाख घनफुट गुलाबी पत्थर लगाया जाएगा। वह कहते हैं कि स्पेन के कारीगरों द्वारा मंदिर में देवी-देवताओं की मूर्ति बनाई जाएगी जबकि मीनाकारी और नक्काशी के लिए राजस्थान से कारीगर बुलाए जाएंगे।
मंदिर में आकर्षक गर्भगृह और गुंबद बनाने की योजना है। मंदिर के मंडप की ऊंचाई 270 फुट होगी। एक बड़े सिंहासननुमा चबूतरे पर 72 फुट के भगवान राम और सीता सहित सौ से अधिक देवी-देवताओं की प्रतिमाएं होंगी। मंदिर का निर्माण कार्य अगले पांच साल में पूरा होने की संभावना है। माना जा रहा है कि यह मंदिर देश के सभी मंदिरों से अलग और विशेष होगा। मान्यता है कि भगवान राम जब जनकपुर से सीता के साथ परिणय सूत्र में बंधन के बाद वापस लौट रहे थे तो चंपारण के पिपरा के नजदीक ही उनकी बारात रुकी थी।
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The temple is a curiosity in people in the Muslim community. Temple Building Committee Chairman Lalan Singh says Kalyanpur block Kathvlia Janul the right to an elderly Muslim Khan to become his temple and a half acres (nearly two acres) of land is donated.
The whole process is inferior saffron donation Registrar office was completed on Wednesday. Chairman of Bihar State Religious Trust Board Acharya Kishore Kunal said today that many Muslim families want to give their land to the temple. According to them, nearly 115 acres of land required for the temple. He says it is difficult to say just how many families will donate land for the temple.
He thanked all those who give the land for the temple stating that the temple has received support from all sections of the society. Temple construction will start soon. Kunal says that from the sanctum sanctorum of the temple to be within 28 acres of its replication. Would spacious courtyard around the temple devotees and tourists to come and helipad will be built.
Hammer piling system will cast the foundations of temples and art works will be taking the risk of earthquakes. The temple red stones will be sourced from Uttar Pradesh chunar. The huge and spectacular temple will be 30 million cubic feet pink stone. He says that in Spain by artisans Devi Temple - statuettes of gods shall be called the enamel and carving artisans of Rajasthan.
Plans to build attractive sanctuary and the temple dome. Temple pavilion will have a height of 270 feet. A large Sinhasnnuma on a platform 72 feet over a hundred, including Lord Rama and Sita Devi - has statues of gods. The construction of the temple is expected to be completed in the next five years. It is believed that this temple of all temples in the country would be different and special. it is believed that Lord Ram and Sita were returning after binding the knot near Pipra of Champaran had stopped their procession in Janakpur